होम > सुशासन युक्त पंचायत
सुशासन युक्त पंचायत

परिचय
सुशासन युक्त पंचायत का उद्देश्य ग्राम स्तर पर पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, सहभागिता, समावेशिता और समयबद्ध सेवा वितरण को बढ़ावा देना है। इस थीम के अंतर्गत ग्राम पंचायतें नागरिकों की आवश्यकताओं और सुझावों के अनुरूप निर्णय लेकर उन्हें योजनाओं और सेवाओं का लाभ सरल, पारदर्शी और प्रभावी ढंग से प्रदान करती हैं। डिजिटल तकनीक, सामाजिक अंकेक्षण, सहभागी योजना निर्माण और सूचना के सार्वभौमिक अधिकार जैसे उपायों के माध्यम से स्थानीय शासन को उत्तरदायी और नागरिकोन्मुखी बनाया जाता है।
विजन
एक ऐसी पंचायत का निर्माण जो पारदर्शी, जवाबदेह, सहभागी, समावेशी और तकनीकी रूप से सशक्त हो, जहाँ प्रत्येक नागरिक को योजनाओं का लाभ समयबद्ध, न्यायसंगत और सुगम ढंग से प्राप्त हो और लोकतांत्रिक शासन की जड़ें ग्राम स्तर तक सुदृढ़ हों।
स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
- ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) में सभी हितधारकों की सहभागिता सुनिश्चित करना।
- पंचायत कार्यों में पारदर्शिता हेतु दीवार लेखन, सूचना बोर्ड, लाभार्थी सूची आदि का प्रदर्शन करना।
- जन सेवा केंद्रों के माध्यम से नागरिक सेवाओं की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा संपत्ति प्रबंधन, वित्तीय निगरानी और सेवा वितरण को सशक्त बनाना।
- सामाजिक अंकेक्षण, वेबसाइट प्रबंधन एवं शिकायत निवारण तंत्र को सक्रिय बनाना।
- पंचायती राज संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों के मध्य अभिसरण स्थापित करना।
- पंचायत की आय के वैकल्पिक स्रोत विकसित करना और टीमवर्क की भावना को प्रोत्साहन देना।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
- शासन की गतिविधियों का संचालन केंद्र बनना और सेवाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
- जन सेवा केंद्रों की स्थापना कर नागरिक घोषणा पत्र के अनुरूप सेवाएं प्रदान करना।
- पंचायत सदस्यों एवं स्थायी समितियों का प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन करना।
- स्थानीय कुशल युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी कार्यों से जोड़ना।
- योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु हितधारकों व विभागों के साथ समन्वय स्थापित करना।
- सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित कर जनजागरूकता बढ़ाना और उत्तरदायी शासन को सशक्त बनाना।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
- ग्राम सभा, महिला सभा और वार्ड सभा का नियमित आयोजन एवं भागीदारी सुनिश्चित करना।
- दीवार लेखन, सूचना पट्ट और सामाजिक अंकेक्षण के माध्यम से पारदर्शिता लाना।
- नागरिकों के सुझाव और शिकायतों हेतु सुझाव पेटी या जन सुनवाई सत्र आयोजित करना।
- पंचायत स्तर पर सूचना बोर्ड, वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना।
- सार्वजनिक स्थानों, विद्यालयों आदि में सूचना जागरूकता अभियान चलाना।
- ई-गवर्नेंस के उपकरणों (जैसे MIS पोर्टल, मोबाइल ऐप आदि) का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना।
संसाधन स्रोत
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान
- 15वाँ वित्त आयोग अनुदान
- राज्य वित्त आयोग अनुदान
- दीन दयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY)
- राज्य गरीबी उन्मूलन मिशन
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)
- प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G)
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY)
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
- जल जीवन मिशन (JJM)
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
- स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, पशुपालन, बागवानी एवं आजीविका से संबंधित राज्य प्रायोजित योजनाएँ
मुख्य उद्देश्य
- पंचायतों को पारदर्शी, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना।
- नागरिक केंद्रित शासन और योजनाओं का समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
- सहभागिता, समावेशिता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना।
- शिकायत निवारण, सामाजिक अंकेक्षण और सार्वजनिक जवाबदेही की प्रणाली को मजबूत करना।
- सूचना के सार्वभौमिक अधिकार के माध्यम से लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक सशक्त करना।
- सुशासन आधारित, न्यायपूर्ण और भरोसेमंद स्थानीय स्वशासन की स्थापना करना।




