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सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत

परिचय

सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत का उद्देश्य एक ऐसी ग्राम पंचायत का निर्माण करना है जहाँ प्रत्येक नागरिक को सम्मान, समानता और सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो, विशेषकर उन वर्गों को जो वंचित, निर्धन, महिला, वृद्ध, दिव्यांग, विधवा, अल्पसंख्यक या सामाजिक रूप से कमजोर हैं। इस थीम के अंतर्गत ग्राम पंचायतें सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने, समावेशी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करने, पेंशन, बीमा, पुनर्वास और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से एक सुरक्षित और न्यायसंगत ग्रामीण समाज का निर्माण करती हैं।

विजन

एक ऐसी पंचायत का निर्माण करना जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को गरिमा, समान अधिकार और समग्र सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो, कोई भी व्यक्ति वंचित न रहे और विकास की प्रक्रिया न्याय, समावेशन और सहभागिता से संचालित हो।

स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
  • समाज के कमजोर वर्गों की पहचान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना।
  • पेंशन, बीमा, जन आरोग्य योजना, राशन आदि लाभों की समयबद्ध पहुँच सुनिश्चित करना।
  • महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, वृद्ध और दिव्यांगजनों के लिए जागरूकता व सशक्तिकरण कार्यक्रम चलाना।
  • महिला एवं बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना।
  • विकलांगजनों के लिए पुनर्वास एवं शिक्षा/रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
  • प्रत्येक बच्चे की जन्म-पंजीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
  • समान कार्य अवसर और स्वरोजगार के साधन विकसित करना।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पंजीकरण की सुविधा देना।
  • सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों की पहचान के लिए स्थानीय मानदंड तैयार करना।
  • योजनाओं की जानकारी का प्रचार करना व लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक करना।
  • ग्राम सभा को सशक्त बनाकर सहभागी व उत्तरदायी निर्णय प्रक्रिया सुनिश्चित करना।
  • दिव्यांगजनों के पुनर्वास की योजना बनाना और सहायता देना।
  • महिलाओं व बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना।
  • सामाजिक उत्पीड़न के मामलों में पीड़ितों को न्याय व पुनर्वास उपलब्ध कराना।
  • स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण अधोसंरचना की निगरानी करना।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए शिविरों का आयोजन।
  • सामाजिक न्याय व अधिकारों से संबंधित पोस्टर, दीवार लेखन, नारे व रैलियाँ।
  • ग्राम स्तर पर विधवा, वृद्ध, दिव्यांग पेंशन आवेदन सहायता शिविर।
  • RTI के माध्यम से पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
  • सामाजिक समिति का गठन व स्थानीय निगरानी तंत्र तैयार करना।
  • जनसुनवाई सत्र, सुझाव पेटी और समर्थन सेल की स्थापना।
  • जन्म-मृत्यु पंजीकरण, आय/निवास प्रमाण पत्र के लिए सहायता।
संसाधन स्रोत
  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)
  • प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM)
  • राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) 
  • अटल पेंशन योजना (APY)
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
  • आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY)
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) (PMAY-G)
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
  • श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
  • वन स्टॉप सेंटर, 181 महिला हेल्पलाइन
  • दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
  • स्वास्थ्य बीमा योजनाएं (जैसे बुनकरों हेतु विशिष्ट योजनाएं)
मुख्य उद्देश्य
  • सामाजिक न्याय और भेदभाव रहित समाज की स्थापना।
  • हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देना।
  • महिलाओं, दिव्यांगों और वंचित वर्गों को सशक्त बनाना।
  • सुरक्षित, समावेशी और न्यायपूर्ण पंचायत का निर्माण।
  • शिकायत निवारण व सामाजिक लेखा-जोखा प्रणाली को मजबूत करना।
  • सभी को समान अवसर और गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सुनिश्चित करना।
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