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पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाली पंचायत

परिचय

इस थीम का उद्देश्य एक ऐसी पंचायत का निर्माण करना जो आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे से युक्त हो, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को पर्याप्त, सुरक्षित और किफायती आवास व बुनियादी सेवाएं (जैसे सड़क, पेयजल, शौचालय, बिजली, इंटरनेट, परिवहन आदि) सहजता से उपलब्ध हों। यह पंचायत समावेशी, सुलभ, टिकाऊ और जलवायु-सहिष्णु अधोसंरचना के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है।

विजन

एक ऐसा पंचायत क्षेत्र विकसित करना जहाँ प्रत्येक परिवार और सार्वजनिक संस्था के पास गुणवत्तापूर्ण अधोसंरचना हो तथा समुदाय एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और सतत वातावरण में जीवनयापन कर सके।

स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
  • सभी मौसमों में संपर्क योग्य पक्की सड़कें और पुल/पुलिया निर्माण।
  • पंचायत क्षेत्र में सौर स्ट्रीट लाइट सहित संपूर्ण विद्युतीकरण।
  • सभी घरों तक पाइप द्वारा सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति।
  • प्रत्येक घर में व्यक्तिगत शौचालय और जल निकासी हेतु ढकी हुई नालियों की व्यवस्था।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत सभी के लिए पक्के आवास।
  • पंचायत स्तर पर बस स्टैंड, खेल मैदान और सामुदायिक भवनों की स्थापना।
  • स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, सीएससी आदि में पेयजल-शौचालय सहित समग्र अधोसंरचना का विकास।
  • खाना पकाने, प्रकाश, सिंचाई, प्रोसेसिंग व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों हेतु ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति।
  • समुदाय स्तर पर सौर ऊर्जा का उपयोग और अक्षय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
  • WASH सेवाओं (जल, स्वच्छता और स्वच्छता) के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकल्पों का चयन करना।
  • ठोस और तरल अपशिष्ट (जैविक व अजैविक) के एकत्रीकरण और प्रबंधन की योजना बनाना।
  • सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों और आंगनवाड़ियों में क्रियाशील शौचालय की सुविधा सुनिश्चित करना।
  • समुदाय की ऊर्जा आवश्यकताओं (प्रकाश, खाना पकाने, सिंचाई आदि) का आंकलन करना और समाधान खोजना।
  • आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे हेतु उपयुक्त सरकारी योजनाओं की पहचान और समन्वय करना।
  • पंचायत की संपत्तियों के प्रबंधन हेतु लोगों की समितियों का गठन करना और उनकी क्षमता वृद्धि करना।
  • सभी नागरिकों को पानी, स्वच्छता और अधोसंरचना उपयोग संबंधी जानकारी और प्रशिक्षण देना।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
  • सहभागिता आधारित सर्वेक्षणों द्वारा बुनियादी आवश्यकताओं की पहचान।
  • स्वच्छता जागरूकता रैलियाँ, दीवार लेखन, समूह बैठकें और श्रमदान कार्यक्रम।
  • विद्यालयों व सार्वजनिक स्थलों में वर्षा जल संचयन इकाइयों की स्थापना।
  • सामुदायिक खेल मैदानों और पौधरोपण स्थलों का श्रमदान से विकास।
  • ठोस व तरल कचरे के लिए पंचायत स्तर पर संग्रहण व्यवस्था।
  • सामुदायिक भवनों, स्ट्रीट लाइट व सड़क मरम्मत हेतु स्वयं श्रमिक योगदान (श्रमदान)।
संसाधन स्रोत
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS)
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)
  • प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G)
  • जल जीवन मिशन (JJM)
  • स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन
  • ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम
  • पीएम-कुसुम योजना
  • सौर पार्क विकास कार्यक्रम
  • 15वां वित्त आयोग अनुदान एवं राज्य वित्त आयोग अनुदान
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM)
  • राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम 
  • स्वयं के आय स्रोत (पंचायत निधि, CSR, सामुदायिक योगदान)
  • डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS)
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र हेतु विशेष त्वरित कार्यक्रम 
मुख्य उद्देश्य
  • पंचायत क्षेत्र में सभी के लिए सम्मानजनक जीवन हेतु आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध कराना।
  • संपर्क, ऊर्जा, पेयजल, संचार व आवास जैसी सेवाओं में समावेशी और सुलभ ढांचे का विकास।
  • आपदा-रोधी, जलवायु लचीली और पर्यावरण-संवेदनशील अधोसंरचना को बढ़ावा देना।
  • विभिन्न योजनाओं के समन्वय से विकास कार्यों का एकीकृत निष्पादन।
  • आत्मनिर्भर, टिकाऊ और आर्थिक रूप से सक्षम ग्राम का निर्माण करना।
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