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स्वच्छ एवं हरित पंचायत

परिचय

स्वच्छ एवं हरित पंचायत का उद्देश्य ऐसे ग्राम समुदायों का निर्माण करना है जो पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, हरियाली और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के आदर्श उदाहरण बन सकें। यह थीम सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 – “स्वच्छ जल और स्वच्छता”, SDG 7 – “सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा”, SDG 13 – “जलवायु कार्यवाही” और SDG 15 – “स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र का जीवन” से सीधे जुड़ी हुई है।
इस थीम के अंतर्गत पंचायतें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, कचरा प्रबंधन, खुले में शौच से मुक्ति, अक्षय ऊर्जा का संवर्धन, पौधारोपण, जल निकायों का पुनर्जीवन, जैव विविधता की रक्षा और सामूहिक पर्यावरणीय सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करेंगी। इसका उद्देश्य पंचायत स्तर पर ऐसी व्यवस्थाओं को स्थापित करना है जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखें और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने में सक्षम हों।
यह पहल पंचायतों को स्वच्छ, सुंदर और हरा-भरा बनाने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र को भी सुनिश्चित करती है।

विजन

हमारे बच्चों के सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए एक ऐसी पंचायत का निर्माण करना, जो प्रकृति की उदारता से हरी-भरी हो, अक्षय ऊर्जा से संचालित हो तथा जलवायु और पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्षम, लचीली और आधुनिक हो।

स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
  • गैर-अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता में निरंतर कमी लाना और अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर, बायोगैस आदि) को प्राथमिकता देना।
  • पंचायतों को 100% खुले में शौच मुक्त बनाना।
  • पौधरोपण एवं नर्सरी बैड के माध्यम से हरियाली सुनिश्चित करना।
  • जैव-विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण सुनिश्चित करना।
  • सौर ऊर्जा आधारित प्रकाश व्यवस्था, घरेलू उपकरण, पकवान व सिंचाई सुनिश्चित करना।
  • ईंधन लकड़ी के उपयोग को कम करना।
  • बिजली का सक्षम वितरण और उन्नत संचार प्रणाली लागू करना।
  • वन, जल निकाय और सामुदायिक उपवन का समुदाय आधारित प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  • स्थानीय जल स्रोतों जैसे तालाब, कुएँ, बावड़ी, झील, नालों और वर्षा जल का सतत एवं संरक्षित उपयोग सुनिश्चित करना
  • उच्च ढलानों, पथ किनारों व बंजर क्षेत्रों में प्राकृतिक वनस्पति का रोपण सुनिश्चित करना।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
  • जैविक खेती व सतत मछली पालन को प्रोत्साहित करना।
  • सामुदायिक मत्स्य-पालन तालाबों की व्यवस्था और रख-रखाव।
  • प्राकृतिक संरक्षण समितियों/कार्यसमितियों का सशक्तिकरण।
  • सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना।
  • ग्राम स्तर पर नर्सरी की स्थापना और पौधारोपण अभियान चलाना।
  • ग्रे-वाटर एवं कचरा प्रबंधन, जल विभाजन श्रम दान जैसे उपाय शुरुआत करना।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
  • ग्राम पंचायतों के अंतर्गत नर्सरी स्थापना
  • दीवार लेखन, जागरूकता रैली/टॉक द्वारा प्लास्टिक मुक्त ग्राम घोषित करना।
  • पारिवारिक कचरा संग्रहण अभियान चलाना।
  • समूह बैठकों द्वारा पर्यावरणीय निर्णय व कार्य योजना बनाना।
  • जल विभाजन श्रमदान योजनाओं जैसे तालाब खुदाई, तालाब किनारे विकास इत्यादि में समुदाय को सहभागी बनाना।
संसाधन स्रोत
  • राष्ट्रीय वनरोपण कार्यक्रम
  • GO GOALS
  • एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (IWMP)
  • राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
  • Grid-Connected सोलर रूफटॉप प्रोग्राम
  • सौर पार्क विकास योजना
  • पीएम-कुसुम
  • राष्ट्रीय बायोगैस एवं खाद प्रबंधन कार्यक्रम
  • ग्रीन इंडिया मिशन
  • 15वां वित्त आयोग अनुदान
  • राज्य वित्त आयोग अनुदान
  • राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम (NRCP)
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)
  • राष्ट्रीय जल मिशन
  • नदियों को जोड़ने की योजना
  • मनरेगा
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
  • स्वच्छ भारत मिशन
मुख्य उद्देश्य
  • ग्राम पंचायत को प्रदूषण मुक्त और हरित मॉडल बनाना।
  • स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त वातावरण सुनिश्चित करना।
  • अक्षय ऊर्जा का पूर्ण उपयोग कर ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाना।
  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संरक्षण समितियों की स्थापना।
  • जल विभाजन, ग्राम तालाबों व नदियों के पुनरुद्धार द्वारा पारिस्थितिकी बदलाव।
  • समूह भागीदारी और श्रमदान आधारित हरित कार्यक्रम के माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण।
  • भविष्य की पीढ़ियों के हित में स्वच्छ, स्वास्थ और सतत गांव बनाना।
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