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बाल हितैषी पंचायत

परिचय
बाल हितैषी पंचायत का उद्देश्य एक ऐसा सामाजिक एवं संरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है जहाँ प्रत्येक बच्चा जन्म से लेकर किशोरावस्था तक अपने अस्तित्व, विकास, सुरक्षा और भागीदारी के अधिकारों का पूर्णतः आनंद ले सके। यह थीम विशेष रूप से SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) और SDG 5 (लैंगिक समानता) से जुड़ी है।
इस थीम के अंतर्गत ग्राम पंचायतों की भूमिका बच्चों की पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण के क्षेत्र में सुनिश्चित होती है, जिससे एक समावेशी, संरक्षित और समर्थ बाल समाज का निर्माण किया जा सके।
विजन
यह सुनिश्चित करना कि बच्चे पूर्ण विकसित होने तक अपने अस्तित्व, विकास, भागीदारी और सुरक्षा के अधिकारों का आनंद लेने में सक्षम बनें।
एक ऐसी पंचायत का निर्माण जहाँ हर बच्चा स्वस्थ, शिक्षित, सुरक्षित और सशक्त वातावरण में विकसित हो।
स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
- सभी बच्चों का समुचित पोषण एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित करना।
- स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन और सतत उपस्थिति सुनिश्चित करना।
- बाल विवाह और तस्करी की घटनाओं में पूर्णतः कमी लाना।
- पंचायत क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त बनाना।
- बच्चों को सभी प्रकार की हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण से मुक्त सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना।
- दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा और सुविधाओं की समान पहुँच सुनिश्चित करना।
- PTAs/SMCs के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी करना।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- आईसीडीएस केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का सतत अनुश्रवण करना।
- आंगनवाड़ी और स्कूल परिसरों में पोषण वाटिका का निर्माण।
- स्वास्थ्य शिविरों और नियमित टीकाकरण के माध्यम से बच्चों के विकास की निगरानी।
- समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ पेयजल और हाथ धोने की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- मिड-डे मील (दोपहर के भोजन) की गुणवत्ता की निगरानी।
- बाल सभा का आयोजन, बाल विवाह, बाल श्रम, हिंसा और पलायन की निगरानी एवं रोकथाम।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
- स्वस्थ बेबी शो, टॉक शो, किशोर स्वास्थ्य कार्यशालाएं
- बाल विवाह, तस्करी, दुर्व्यवहार और बच्चों के अधिकारों पर जागरूकता अभियान
- प्रवासी परिवारों को ट्रैक कर बाल श्रम की रोकथाम
- स्कूल/आंगनवाड़ी में पोषण वाटिका का निर्माण
- बाल सभा का नियमित आयोजन
- कमज़ोर वर्ग के छात्रों को शैक्षणिक/प्रशिक्षण सहयोग प्रदान करना
संसाधन स्रोत
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
- पोषण अभियान
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
- समग्र शिक्षा अभियान
- 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन
- मध्याह्न भोजन योजना
- आयुष्मान भारत (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना)
- एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना
- समेकित बाल संरक्षण योजना
- मिशन वात्सल्य
- सुकन्या समृद्धि योजना
- खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट
- किशोरियों हेतु विशेष योजना (SAG)
- 15वां वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग अनुदान
- MGNREGS (मनरेगा)
- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम
मुख्य उद्देश्य
- प्रत्येक बच्चे को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा की समान और गुणवत्ता पूर्ण सुविधा देना।
- पंचायत क्षेत्र को बाल विवाह, बाल श्रम और तस्करी से पूर्णतः मुक्त बनाना।
- दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी अवसर सुनिश्चित करना।
- बालकों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता देना।
- बाल अधिकारों के प्रति समुदाय में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाना।
- बालकों को पंचायत स्तर की विकास योजनाओं में भागीदार बनाना।
- बालकों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए समर्पित संरचना और सहयोग स्थापित करना।




