स्वस्थ पंचायत

परिचय
“स्वस्थ पंचायत” का उद्देश्य ऐसे ग्राम समुदायों का निर्माण करना है जहाँ हर व्यक्ति को जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं और पोषण प्राप्त हो। यह थीम सतत विकास लक्ष्य (SDG) 3 – “Good Health and Well-being” से जुड़ी है। इसका लक्ष्य सभी उम्र के लोगों के लिये शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है।
इस थीम के अंतर्गत पंचायतें ना केवल बीमारियों की रोकथाम और उपचार में योगदान देंगी बल्कि पोषण, स्वच्छता, किशोर स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, वृद्धजन देखभाल और स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों जैसे मुद्दों पर भी सक्रिय भूमिका निभाएंगी। इसका उद्देश्य एक ऐसी पंचायत है जहाँ हर व्यक्ति स्वस्थ, जागरूक और समर्थ हो।
विजन
सभी उम्र में सभी के लिये स्वास्थ्य सेवाएं और कल्याण सुनिश्चित करना।
एक ऐसी पंचायत की कल्पना जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को समय पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा, पोषण, टीकाकरण और स्वस्थ जीवनशैली के साधन उपलब्ध हों।
स्थानीय लक्ष्य व टारगेट
- बच्चों में उम्र के अनुसार कद-काठी में कमी (Stunting) को समाप्त करना।
- किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया की दर को कम करना।
- स्थानीय रूप से उपलब्ध पोषक तत्वों (अनाज, फल, सब्ज़ियाँ, अंडे) के सेवन को बढ़ावा देना।
- संचारी और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और समय पर इलाज सुनिश्चित करना।
- मातृ मृत्यु और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर को शून्य करना।
- हर व्यक्ति तक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं और चिकित्सा देखभाल की पहुँच सुनिश्चित करना।
- मानसिक स्वास्थ्य और दिव्यांगजन के लिए सहयोग एवं सेवाओं की उपलब्धता।
ग्राम पंचायतों की भूमिका
- विवाह और गर्भावस्था की सही उम्र के बारे में जागरूकता फैलाना।
- किशोर स्वास्थ्य : पोषण, परामर्श, सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता और सुरक्षित निपटान।
- माताओं-बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण की निगरानी।
- संचारी रोगों जैसे टीबी, HIV आदि की रोकथाम और उपचार में सहयोग।
- मधुमेह, कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और जागरूकता।
- वृद्धजन, महिलाओं और बच्चों की देखभाल और पोषण पर ध्यान।
- मानसिक स्वास्थ्य और दिव्यांगजनों के मुद्दों पर कार्यवाही।
- पंचायत स्तर पर 24×7 हेल्पलाइन और आयुष सेवाओं का प्रचार-प्रसार।
कम लागत / बिना लागत की गतिविधियाँ
- स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन।
- समय पर पहचान, निदान और उपचार के लिए प्रचार।
- नवजात शिशु के नाम पर पौधे का वितरण।
- माइक, दीवार लेखन के माध्यम से जागरूकता फैलाना।
- स्वच्छता बनाए रखने हेतु सामुदायिक पहल।
- सामाजिक मानचित्रण द्वारा कमज़ोर वर्गों की पहचान।
- स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक अंकेक्षण और किशोर स्वास्थ्य पर टॉक शो/कार्यशालाएं।
- “स्वस्थ बेबी शो” जैसे प्रेरक आयोजनों का संचालन।
संसाधन स्रोत
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
- सघन मिशन इन्द्रधनुष
- राष्ट्रीय आयुष मिशन
- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS)
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)
- पोषण अभियान
- आयुष्मान भारत (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना)
- राष्ट्रीय एड्स, क्षय रोग, मानसिक स्वास्थ्य व वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
- राष्ट्रीय पोषण व एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम
- जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम
- गैर-संचारी रोगों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम
- राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण अभियान
मुख्य उद्देश्य
- ग्राम स्तर पर संपूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं सुनिश्चित करना।
- मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
- किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया उन्मूलन।
- संचारी और जीवनशैली संबंधी रोगों की रोकथाम।
- मानसिक स्वास्थ्य को पंचायत एजेंडे में शामिल करना।
- प्रत्येक परिवार तक चिकित्सा सुविधा और पोषण की पहुँच।
- ग्रामीण स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता, पोषण और जागरूकता को प्राथमिकता देना।




