logo

राजस्व अर्जन योजना

यह वर्ष 1957-58 से जारी एक राज्य योजना योजना है। राज्य में ग्राम पंचायतों/पंचायत समितियों को उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है, जो 30 वार्षिक किश्तों में वसूल किया जा सकता है। यह ऋण शामलात भूमि पर ट्यूबवेल, पंपिंग सेट लगाने, बस स्टैंड पर दुकानों के निर्माण, स्टाफ क्वार्टरों के निर्माण आदि के लिए दिया जाता है। वित्तीय सहायता संबंधित ग्राम पंचायत/पंचायत समिति द्वारा पारित प्रस्ताव, सक्षम प्राधिकारी द्वारा तैयार अनुमान तथा संबंधित डीडीपीओ/बीडीपीओ की सिफारिशों के आधार पर जारी की जाती है। केंद्रीय वित्त आयोग ने भी अपनी सिफारिशों में ग्राम पंचायतों के राजस्व में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है तथा इसे प्राप्त करने के लिए आरईएस काफी सहायक होगी। 

इस योजना का उद्देश्य ग्राम पंचायतों/पंचायत समितियों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाना तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। अनुदान की राशि ग्राम पंचायतों/पंचायत समितियों द्वारा पारित ज्ञापन, परियोजना व्यवहार्यता के संबंध में संबंधित विभाग का अनुमान या परियोजना रिपोर्ट तथा संबंधित डीसी/डीडीपीओ/बीडीपीओ की संस्तुति प्राप्त होने के पश्चात संबंधित ग्राम पंचायतों/पंचायत समितियों को जारी की जाती है।

Translate »