मैचिंग ग्रांट स्कीम
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विकास परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहन देने की दृष्टि से मैचिंग ग्रांट स्कीम 1979-80 में शुरू की गई थी। मैचिंग ग्रांट स्कीम को अंतर को पाटने के लिए शुरू किया गया है और लोगों को राज्य में लड़कियों के स्कूल, लड़कियों के कॉलेजों और छात्रावासों के मामले को छोड़कर, जहां अनुदान की राशि योगदान का दो गुना है, सार्वजनिक योगदान के रूप में उनके द्वारा जुटाई गई राशि के बराबर वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
यह योजना स्कूल भवनों, पशु औषधालयों, अस्पतालों, मनोरंजन केंद्रों, महिला मंडल भवनों, हरिजन और पिछड़ी चौपालों और पंचायत/पंचायत समितियों, पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) और स्थानीय समितियों के माध्यम से अन्य विकास कार्यों के लिए विशिष्ट नियमों के तहत निष्पादित की जाती है।
इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 3 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है और अब तक 1.35 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
इस योजना के अंतर्गत स्कूलों, कॉलेजों, गुरुकुलों आदि जैसी संस्थाओं को उनके द्वारा की गई मांग के अनुसार निधियां जारी की जाती हैं। इस स्कीम के अंतर्गत भी स्वीकृति आदेशों के अनुसार संबंधित डीडीपीओ के प्रमुख को निधियां आबंटित की जाती हैं।
अनुसूचित जाति के लिए रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए योजना:
यह स्कीम गांवों में स्वच्छता वातावरण में सुधार लाने के लिए 2 अक्तूबर, 2007 को शुरू की गई थी। ग्राम पंचायतों को मानदेय के आधार पर ग्रामीण सफाई कर्मी लगाने का अधिकार दिया गया।
वर्तमान में ग्राम पंचायतों द्वारा लगभग 10553 सफाई कर्मी नियुक्त किए गए हैं। सरकार ग्रामीण सफाई कर्मियों को मानदेय के भुगतान के लिए खर्च को पूरा करने के लिए ग्राम पंचायतों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
उन्हें शुरू में 10,000 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया गया था, फिर इसे 01.02.2019 से संशोधित कर 11000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। इसे 12.09.2019 से बढ़ाकर 12500/- प्रति माह कर दिया गया था। फिर से, इसे 16.07.2021 से बढ़ाकर 14000/- प्रति माह कर दिया गया है। अब, ग्रामीण सफाई कर्मियों का मासिक मानदेय 19.12.2023 से 15000/- है। राज्य के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कार्यरत सभी ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
ग्राम पंचायतों को सर्वसम्मति से चुनाव कराने के लिए प्रोत्साहन:
पंचायती राज संस्थाओं के वर्ष 2015-16 में होने वाले 5वें आम चुनाव को देखते हुए सरकार द्वारा सर्वसम्मति से चुनी गई ग्राम पंचायतों और सरपंचों, पंचों, जिला परिषद और पंचायत समिति के सदस्यों को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया ताकि गांवों में सामाजिक सद्भाव और एकता का माहौल बनाया जा सके। इससे मुकदमेबाजी में कमी लाने और चुनाव खर्च बचाने में भी मदद मिलती है। इस राशि का उपयोग गांवों में विकास कार्यों के लिएकिया जाता है।
दिया गया प्रोत्साहन निम्नानुसार है:




